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टूटी चादर हिंदी कहानी

 यह कहानी एक छोटे से गाँव के गरीब लड़के सोनू की है | yah kahaanee ek chhote se gaanv ke gareeb ladake sonoo kee hai

yah kahaanee ek chhote se gaanv ke gareeb ladake sonoo kee hai

यह कहानी एक छोटे से गाँव के गरीब लड़के सोनू की है, जिनका सपना है कि वह अपने माता-पिता का नाम रोशन करेगा और उन्हें खुद की खुशियों में भिगोकर दिखाएगा।


गाँव में सोनू, एक छोटे से परिवार में पैदा हुआ, बड़ा हुआ। उसके पास बहुत ही कम धन था, लेकिन उसका दिल बड़ा था। उसका सपना था कि वह अपने माता-पिता का नाम रोशन करेगा और उन्हें खुद की खुशियों में भिगोकर दिखाएगा।


एक दिन, सोनू के पास एक पुरानी टूटी हुई चादर थी, जो उसे बड़ी आकर्षित करती थी। चादर फटी हुई थी, लेकिन सोनू उसमें अपना सपना देखता था।


वक़्त बितता गया, सोनू बड़ा हो गया, लेकिन उसका सपना वो टूटी हुई चादर बनाने का नहीं टूटा। उसने बस अपने सपने के पीछे दौड़ते रहना शुरू किया।


उसने गाँव में चादर बनाने के लिए काम करना शुरू किया, और धीरे-धीरे उसने अपनी कठिनाइयों को पार किया। वह बेहद मेहनती और संघर्षी था।


एक दिन, सोनू की कठिन मेहनत और लगन ने उसे एक नई चादर बनाने का मौका दिलाया। वह चादर बनाने के लिए बहुत खुश था, लेकिन जब उसने उसे देखा, तो उसके आंखों में आंसू आ गए।


चादर तो सुंदर थी, लेकिन सोनू ने खुद को इसके बदले में अपनी माता-पिता की तक़द पर बेच दिया। वह जानता था कि उसके माता-पिता को और भी बड़ी जरूरतें हैं, और वह उनकी तक़द को पूरा करना चाहता था।


जब सोनू ने अपनी माता-पिता को उस चादर के पैसे दिए, तो उनके आंसू हो गए। वे खुशी के आंसू थे, क्योंकि उनका बेटा अब उनकी तक़द को पूरा कर रहा था।


- सोनू की मां: "बेटा, यह चादर कितनी खुबसूरत है!"

- सोनू: "हां, मां, यह मेरा सपना है। मैं इसे बना कर आपका और पापा का नाम रोशन करूंगा।"

- माता-पिता के आंसू हो जाते हैं।



- सोनू का पिता: "सोनू, तुमने हमारे लिए कितना बड़ा काम किया है।"

- सोनू: "पापा, यह मेरी कठिन मेहनत का फल है। मैं आपकी तक़द को पूरा करना चाहता हूँ।"

- माता-पिता गर्म गले से सोनू को लगाते हैं।


सोनू ने अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत और संघर्ष किया, और उसने अपने माता-पिता के लिए एक खास चीज बनाई। इस कहानी से हम सिखते हैं कि सपनों को पूरा करने के लिए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह समर्पण और प्यार ही हमारे प्रियजनों की खुशियों को बढ़ावा देता है। सोनू ने इस कहानी में अपने माता-पिता के लिए अपनी चादर को बेच दिया, लेकिन उसने उनकी खुशियों को पूरा किया और उनकी तक़द को पूरा किया।


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